वेज बिरयानी और पुलाव में क्या फर्क होता है? by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबइस प्रश्न को - बिरयानी और पुलाव में क्या अंतर है - इस तरह से पढ़ते हैं और इसका उत्तर उसी तरह से लिखते हैं. क्योंकि दोनों ही व्यंजनों (बिरयानी और पुलाव) के मांसाहारी और शाकाहारी दोनों रूप बनते हैं.सिन्हा साहब नें बिल्कुल सही लिखा बिरयानी और पुलाव कबारे में . लेकिन क्योंकि मुझसे अनुरोध किया है तो मैं भी कुछ लिखती हूँ.बिरयानी और पुलाव में क्या अंतर हैं.बिरयानी को ज्यादा विधि पूर्वक बनाया जाता है, इसे बनाने में ज्यादा समय लगता है और इसे बनाना जटिल है. जबकि पुलाव को बनाना थोडा आसान है, और यह जल्दी बनता है.बिरयानी को दो अलग बर्तनों में पकाया जाता है जहां मांस / सब्जी को अलग से आधा पका लेते हैं और चावल को आधा अलग पकाते हैं. फिर इन दोनों को साथ में पकाते हैं. जबकि पुलाव ज्यादातर एक ही बर्तन में बनाया जाता है; मांस/सब्जी को घी/तेल में भून कर फिर उसमें चावल डाल कर उसी बर्तन में पुलाव पकाया जाता है.बिरयानी अपने आप में सम्पूर्ण व्यंजन है जिसका साथ देता है रायता. जबकि पुलाव को सब्जी, करी आदि के साथ परोसा जाता है.बिरयानी में ज्यादा मसाले इस्तेमाल किये जाते हैं जबकि पुलाव हल्के मसालों से बनता है. नीचे के चित्र में देखिये हलके मसालों के साथ बना पनीर पुलाव.बिरयानी के लिए चावलों को और मसाले में पके मांस/ सब्जी को परतों में लगाया जाता है और फिर उसे दम पर पकाया जाता है और ऐसे ही परतों में ही परोसा जाता है जिससे दो तरह का स्वाद खाने में आता है. जबकि पुलाव में चावल और सब्जी/मांस आपस में मिले हुए होते हैं.नीचे लगी तस्वीर लखनऊ के एक रेस्टोरेंट की है जिसमें शाकाहारी बिरयानी को हांडी में परोसा गया है और हांडी के ढक्कन के मुंह को आटे से बंद किया गया है जिससे पकाते वक़्त खुशबू अन्दर बंद रहे. बिरयानी को रायते के साथ परोसा किया गया है.किसी भी व्यंजन को अपनी खुशबू में पकाने की इस विधि को दम-पख्त के नाम से भी जाना जाता है, और माना जाता है कि दम-पख्त का जन्म अवध के नवाबों के बावर्चीखानों में हुआ.अब इससे जुड़ी एक मजेदार बात - हमारे पास पाककला की कदाचित सबसे प्राचीन पुस्तकों में से एक - पाकदर्पणं - है जो महाराजा नल के द्वारा रचित कही जाती है. इस किताब में भी मांस के साथ चावल बनाने का जिक्र है और उसमें लिखा है कि बर्तन का मुंह आटे से बंद कर दें जिससे चावल की सुगंध की रक्षा हो सके (देखिये पाकदर्पणं - मांसौदन निर्माण विधि: ७७ — “ तन्मुखं छाद्येत्सम्य सम्यगिवधानेन विचक्षणं| लिम्पेत् तदगंध रक्षार्थं तद्रंध कणिकैध्रुवं ” ). बिलकुल वैसा ही लिखा है जैसा कि दम-पख्त बिरयानी में आजकल होता है. तो दम-पख्त तो नवाबों से बहुत पहले से भारत में है !!तो जितना मुझे समझ आ रहा है ये कुछ फर्क हैं बिरयानी और पुलाव में मोटे तौर पर.हालाँकि कुछ और पाककला की किताबें मेरे पास हैं जहाँ ये फर्क नहीं मिलते.
अजवाइन-मेथी का पानी पीने से शरीर को मिलता है ये बड़ा फायदा
अगर आपको डायबिटीज की समस्या है, तो अजवाइन-मेथी का पानी रामबाण इलाज है. यदि आपका ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसलिए रोजाना सुबह उठने के साथ ही इस डिटॉक्स ड्रिंक का सेवन जरूर करें.
सुबह-सुबह खाली पेट एक गिलास अजवाइन मेथी का पानी पीने से डाइजेशन सही रहता है. इसमें फाइबर, मैग्नीशियम, मैग्नीज जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो एसिडिटी या अन्य पाचन से संबंधित समस्याओं से निजात दिलाने में मददगार साबित होता है.
अजवाइन और मेथी को एक रात पहले पानी में भिगोकर रख दें. फिर सुबह उठकर खाली पेट इसे छान लें और पी जाएं. अजवाइन-मेथी का पानी वजन घटाने का पुराना घरेलू नुस्खा है.
इसका इस्तेमाल लोग काफी पहले से करते आ रहे हैं. अजवाइन और मेथी दोनो में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को मजबूत करते हैं.
इसके अलावा इस ड्रिंक में फैट बर्निंग के गुण भी होते हैं, जो शरीर के एक्स्ट्रा फैट को बेहद आसानी से कम करता है. अगर आप भी तेजी से वजन घटाना चाह रहे हैं, तो इस डिटॉक्स ड्रिंक को रोजाना सुबह जरूर पिएं.
भारत का शायद ही कोई ऐसा घर हो, जहां मेथी और अजवाइन का इस्तेमाल न किया जाता है. किचन में इन दोनों का इस्तेमाल मसालों के रूप किया जाता है. मेथी और अजवाइन में तमाम आयुर्वेदिक गुण होते हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों का सेवन एक साथ करने से फायदे दोगुने हो जाते हैं. जी हां, अगर आपको वजन कम करना हो या बदहजमी की समस्या दूर करनी हो, अजवाइन-मेथी का पानी परफेक्ट घरेलू उपचार है. यह ड्रिंक हमारे शरीर के लिए एक बेहतरीन डिटॉक्स का काम करता है.
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